उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सांप्रदायिक तनाव तब बढ़ गया जब मुहर्रम के जुलूस के बाद विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदुओं के घरों पर हमला किया। इस हमले में घरों में तोड़फोड़ की गई और महिलाओं के साथ छेड़खानी की गई। घटना बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में हुई, जहां मुहर्रम का जुलूस परंपरागत रास्ते से न जाकर नए रास्ते से ले जाने की कोशिश की गई थी। जुलूस के दौरान देवस्थान के पास जोर-जोर से ढोल बजाए जाने पर ग्रामीणों ने विरोध किया, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ और पुलिस से भी झड़प हो गई।
ग्राम प्रधान हीरालाल ने बताया कि अगले दिन सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने गांव पर हमला किया। आरोपियों ने हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया और अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया। भीड़ ने घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। हीरालाल ने बताया कि उनके 24 वर्षीय बेटे तेजपाल को भीड़ ने मस्जिद में खींचकर ले जाकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई।
तेजपाल की बहन ने बताया कि जब वह अपने भाई को बचाने पहुंची तो दंगाइयों ने उसे भी पीटा। हमले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दंगाइयों को खदेड़ दिया। पुलिस ने मौके से एक दर्जन पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया। एसपी साउथ मानुष पारिक ने बताया कि मुहर्रम के जुलूस के विवाद के बाद अगले दिन पथराव और मारपीट हुई, जिसमें तेजपाल गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में 50 नामजद और 10-15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा, 80 अज्ञात दंगाइयों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपियों की अवैध संपत्ति की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।