भारत में ऐसी 5 किताबें हैं जिन पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। इनका पढ़ना या रखना नियमों के खिलाफ माना जाता है, और पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

1. राम रीटोल्ड — ऑब्रे मेनन


ब्रिटिश लेखक ऑब्रे मेनन की किताब “राम रीटोल्ड” आज़ाद भारत में प्रतिबंधित होने वाली पहली पुस्तकों में से थी। इसमें भगवान राम, सीता, रावण जैसे पात्रों को व्यंग्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिसके कारण धार्मिक भावनाएँ आहत होने की शिकायतें उठीं और किताब पर रोक लगा दी गई।

2. द हिंदूज़: एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री — वेंडी डोनिगर


वेंडी डोनिगर की पुस्तक “द हिंदूज़: एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री” को भारत में धार्मिक संगठनों के विरोध के बाद प्रतिबंधित किया गया। अनेक समूहों ने इस पुस्तक की सामग्री को विवादास्पद बताते हुए इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाया था।

3. लेडी चैटरलीज़ लवर — डी. एच. लॉरेंस


डी. एच. लॉरेंस की यह किताब ब्रिटिश शासन के समय से ही भारत में प्रतिबंधित है। कहानी में वैवाहिक जीवन से जुड़े कुछ संवेदनशील विषयों को लेकर आपत्ति जताई गई थी, जिसके कारण यह पुस्तक बैन की सूची में शामिल कर दी गई।

4. द सैटेनिक वर्सेज — सलमान रश्दी


प्रसिद्ध लेखक सलमान रश्दी की पुस्तक “द सैटेनिक वर्सेज” भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है। कहा जाता है कि किताब की कुछ सामग्री को लेकर धार्मिक असहमति उत्पन्न हुई, जिसके चलते सरकार ने इसे बैन कर दिया।

5. द फेस ऑफ मदर इंडिया — कैथरीन मेयो


अमेरिकी इतिहासकार कैथरीन मेयो की पुस्तक “द फेस ऑफ मदर इंडिया” को भी भारत में प्रतिबंधित किया गया है। इस किताब में भारत और भारतीय समाज के बारे में कई आपत्तिजनक टिप्पणियाँ होने के आरोप लगे, जिसकी वजह से इसे भारत में स्वीकार नहीं किया गया।

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