पायलट्स ने खोला राज—इंडिगो की उसी गलती के कारण 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स करनी पड़ी कैंसिल

बेहतरीन ऑन टाइम परफार्मेंस के भरोसे नंबर वन तक खिताब पाने वाली इंडिगो एयरलाइन पिछले दो दिनों से अपने पैसेंजर्स को खूब रुला रही है. दिल्‍ली हो या मुंबई, लखनऊ हो या पटना, हर एयरपोर्ट से इंडिगो की फ्लाइट धड़ाधड़ कैंसल हो रही हैं. सिर्फ 4 दिसंबर की बात करें तो दोपहर 11 बजे तक 272 से अधिक फ्लाइट कैंसिल हो चुकी है. इंडिगो अपने पैसेंजर्स को भले ही इस कैंसलेशन के पीछे सिर्फ ऑपरेशन रीजन बता रही हो, लेकिन इसकी असल वजह कुछ और ही है.

एक सीनियर पायलट ने अनुसार, इंडिगो की फ्लाइट में हो रहे डिले और कैंसलेशन के क्राइसिस की असल वजह नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) पॉलिसी की प्‍लानिंग में हुई देरी है. डायरेक्‍टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जनवरी 2024 में ही एफडीटीएल के संशोधित नियम जारी कर दिए थे. साथ ही, डीजीसीए ने इंडिगो सहित सभी एयरलाइंस को साफतौर पर बता दिया था कि एफडीटीएल में हुए बदलाव का दूसरा चरण पहली नवंबर से लागू कर दिया जाएगा. आरोप है कि पर्याप्‍त समय मिलने के बावजूद इंडिगो ने अपनी तैयारी पूरी नहीं की.

एविएशन सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइंस को अपने क्रू रोस्टर कम से कम 15 दिन पहले फाइनल करने होते हैं. इसी के आधार पर पायलटों की ड्यूटी, आराम समय और उड़ान शेड्यूल सेट किए जाते हैं. लेकिन इंडिगो ने रोस्टर एडजस्टमेंट में देरी कर दी. जब नए नियम लागू होने के करीब समय बचा और डीजीसीए से किसी तरह की रियायत नहीं मिली, तब इंडिगो ने रोस्‍टर समायोजन का काम शुरू किया, जिससे कई रूट्स पर पायलट और क्रू की उपलब्धता संभव नहीं हो पाई. नतीजा यह हुआ कि इंडिगो की करीब 8 फीसदी उड़ानें प्रभावित हुईं और सैकड़ों कैंसल कर दी गई.

नई एफडीटीएल पॉलिसी में किए गए यह बदलाव

नई एफडीटीएल पॉलिसी में पायलटों के आराम समय को बढ़ाया गया है. साथ ही, रात की उड़ानों पर कुछ पाबंदियां भी लगाई गई हैं. नई एफडीटीएल पॉलिसी में लगातार उड़ान भरने की सीमाएं सख्त की गई हैं. यह बदलाव सुरक्षा के लिए जरूरी था और पायलटों की थकान को कम करने के मकसद से लाया गया था. पायलट्स के अनुसार, इन नियमों का मतलब यह नहीं कि एयरलाइंस को पायलटों की संख्या दोगुनी करनी पड़े. जरूरत सिर्फ बेहतर और समय पर प्लानिंग की होती है.

इंडिगो को मिला था करीब दस महीने का समय

एविएशन सूत्रों के अनुसार, इंडिगो की क्राइसिस में यही कमी साफ दिखी. एयरलाइन के पास जनवरी से नवंबर तक लगभग दस महीने का समय था कि वह अपने शेड्यूल, क्रू असाइनमेंट और बैकअप प्लान को नए सिस्टम के हिसाब से तैयार कर ले. लेकिन देर से शुरू की गई तैयारी ने ऑपरेशन को भारी दबाव में डाल दिया. अब DGCA ने अब इस मामले पर पैनी नजर बनाए रखी है और एयरलाइंस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं इंडिगो का कहना है कि वह क्रू रोस्टर को तेजी से स्थिर करने में जुटी है और अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी.

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