मंदिरों में दीप जलाने पर तमिलनाडु सरकार की रोक के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. मुद्दा लोकसभा तक गूँजा

तमिलनाडु के अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर (Arulmigu Subramaniya Swamy Temple) में दीपक जलाने को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने राज्य सरकार की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने का निर्णय लिया और कहा कि इसे उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा।
उधर, इस मंदिर–दरगाह विवाद (Temple–Dargah Dispute) को लेकर द्रमुक सांसदों ने संसद में जोरदार हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ने इसे सब-जुडिस बताते हुए बहस से इनकार किया, लेकिन विरोध जारी रहा और अंततः सदन को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।

मद्रास हाई कोर्ट का आदेश कायम

Madras High Court Madurai Bench ने गुरुवार को जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त की याचिका खारिज करते हुए एकल न्यायाधीश के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर स्थित पत्थर के दीपस्तंभ पर कार्तिगई दीपम (Karthigai Deepam) जलाने की अनुमति दी गई थी।
सरकार का तर्क था कि दीपस्तंभ तिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी (Tirupparankundram Hill) पर स्थित एक दरगाह के पास है, जिससे साम्प्रदायिक तनाव का खतरा हो सकता है।

एकल न्यायाधीश का रुख

1 दिसंबर को न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन ने अपने आदेश में कहा कि मंदिर प्रशासन उच्चि पिल्लोयार मंडपम के पास होने वाले दीप प्रज्वलन के अलावा दीपथून स्तंभ पर भी दीप जलाने के लिए बाध्य है।
अदालत ने स्पष्ट कहा कि दीप प्रज्वलन से न तो पास की दरगाह को खतरा है और न ही किसी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन।
जब आदेश लागू नहीं हुआ तो 3 दिसंबर को अदालत ने श्रद्धालुओं को स्वयं दीप जलाने की अनुमति देते हुए CISF सुरक्षा का निर्देश दिया।

भाजपा नेताओं का प्रयास और गिरफ्तारी

अदालत के आदेश के बाद BJP Tamil Nadu के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन और अन्य हिंदू नेताओं ने पहाड़ी पर दीप जलाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना था कि स्पष्ट रूप से मना करने के बावजूद वे पहाड़ी की ओर बढ़ रहे थे।

हाई कोर्ट ने अपील खारिज की

मदुरै बेंच ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को धार्मिक अधिकार (Religious Rights) के तहत दीप जलाने से नहीं रोका जा सकता। अदालत ने पुलिस को याचिकाकर्ता राम रविकुमार को सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया।

सुप्रीम कोर्ट पहुँची तमिलनाडु सरकार

हाई कोर्ट के आदेश के बाद तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहीं, प्रतिवादी पक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार हाई कोर्ट में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बजाय “सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान” दिखाकर अनावश्यक राजनीतिक माहौल बना रही है।

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